Hindi Ki Manak Vartani (हिंदी की मानसिक वर्तनी)

By Kailash Chandra Bhatia (कैलाश चन्द्र भाटिया), Rachna Bhatia (रचना भाटिया)

Hindi Ki Manak Vartani (हिंदी की मानसिक वर्तनी)

By Kailash Chandra Bhatia (कैलाश चन्द्र भाटिया), Rachna Bhatia (रचना भाटिया)

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Specifications

Genre

Reference

Print Length

144 pages

Language

Hindi

Publisher

Prabhat Prakashan

Publication date

1 January 2013

ISBN

8173152063

Weight

225 Gram

Description

प्रस्तुत पुस्तक में हिंदी के तीन अत्यधिक व्यावहारिक पक्षों को रखा गया है-वर्तनी, विरामचिह्न तथा प्रूफ-संशोधन| उक्त तीनों पक्ष एक-दूसरे से इतने अधिक संबद्ध हैं कि पृथक् करने में कठिनाई है| प्रूफ-संशोधन में जहाँ वर्तनी का शुद्ध रूप रखना पड़ता है, वहीं विरामचिह्नों के ठीक प्रयोग का| ‘मानक हिंदी वर्तनी’ का कार्यक्षेत्र केंद्रीय हिंदी निदेशालय का है, जिनकी सिफारिशों को इसमें समुचित स्थान दिया गया है| वर्तनी का क्षेत्र मात्र शब्दों तक नहीं है, उसमें संक्षिप्त रूप, प्रतीक, व्यक्ति-स्थान नामों का अपार भंडार है| वर्तनी से ही विरामचिह्न जुड़े हुए हैं| यह सर्वविदित है कि पूर्ण विराम ‘|’ के अतिरिक्त सभी चिह्न अंग्रेजी के संसर्ग से प्राप्त हुए हैं| व्याकरण की विभिन्न पुस्तकों में यत्किंचित् सामग्री विरामचिह्नों पर भी है| इस पुस्तक में पहली बार इन्हें विस्तार से समझाया गया है; जिससे विद्यार्थी व सुधी पाठक लाभान्वित होंगे| प्रूफ-संशोधन कार्य उक्त दोनों से जुड़ा हुआ है| हिंदी पत्रकारिता में भी अब इसकी आवश्यकता का अनुभव किया जाने लगा है| साधारणत: हिंदी लेखक इस पुस्तक से लाभान्वित होंगे ही, साथ ही विद्वानों को इस दिशा में अंतिम रूप से निर्णय लेने में चिंतन का अवसर मिलेगा|


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