$12.06
Genre
Print Length
200 pages
Language
Hindi
Publisher
Prabhat Prakashan
Publication date
1 January 2013
ISBN
9789381063224
Weight
360 Gram
‘रामायण’ भारतीय वाड्मय का श्रेष्ठ एवं अद्भुत ग्रंथ है| यह भारतीय जन-मानस में गहराई से रच-बस गया है| इसकी लोकप्रियता का अनुमान इसी बात से लगाया जा सकता है कि दुनिया की अधिकतर भाषाओं में इसका अनुवाद हो चुका है| लगभग सभी भारतीय भाषाओं में रामायण रची गई हैं या रामायण से संबद्ध ग्रंथ लिखे गए हैं|रामायण का कर्तव्यनिष्ठा पर विशेष जोर और आग्रह है| प्रत्येक मनुष्य-चाहे वह स्त्री है या पुरुष अथवा बाल; वह नौकर है या मालिक अथवा शासक है या सेवक-इतना ही नहीं, माता-पिता, पुत्र, भाई, सखा और शत्रु-रामायण में सबके कर्तव्यों का आदर्श उपस्थित किया गया है| जीवन में क्या-क्या करना चाहिए या क्या करणीय है-यह रामायण बतलाती है|
प्रस्तुत पुस्तक में रामकथा मर्मज्ञ दाजी पणशीकर ने रामायण के ऐसे 51 प्रसंगों की व्याख्या की है, जो बहु प्रेरक एवं मार्गदर्शन करने वाले हैं| भगवत्-प्रेमी ही नहीं, सभी खास और आम के लिए एक पठनीय पुस्तक|
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