Aadmi Aur Giddha (आदमी और गिद्धा)

By Gopal Chaturvedi (गोपाल चतुर्वेदी)

Aadmi Aur Giddha (आदमी और गिद्धा)

By Gopal Chaturvedi (गोपाल चतुर्वेदी)

$11.55

$12.13 5% off
Shipping calculated at checkout.

Click below to request product

Specifications

Print Length

100 pages

Language

Hindi

Publisher

Prabhat Prakashan

Publication date

1 January 2010

ISBN

8188139955

Weight

400 Gram

Description

एक गिद्ध ने थके-हारे बुजुर्ग को स्मरण दिलाया, “अब तो वृद्ध के प्राण भी छूट गए हैं| वह बाहर लॉन में केवल कुत्ते और चिड़ियों के साथ अकेला पड़ा है| भूख मिटाने का यह स्वर्णिम अवसर है| बस, हमें धावा बोलना है|” वृद्ध गिद्ध ने एक बार चोंच घुमाकर सबकी तरफ देखा, फिर दु:खी स्वर में बोला, “चलो, कहीं और चलें| जिसे पशु-पक्षियों से इतना स्नेह था कि वे उसकी लाश पर रो रहे हैं, उसमें चोंच गड़ाने का जी नहीं कर रहा है| मानव में भले न बची हो, पर हममें तो गिद्ध-संवेदना अभी भी शेष है|” गिद्ध शहर से कूच कर जंगल की ओर उड़ लिये| बुजुर्ग को डर लगा कि यदि वे देर तक शहर में रुके तो गिद्धों पर कहीं इनसानों का साया न पड़ जाए! वैसे भी शहरों में गिद्धों की दरकार ही क्या है, वहाँ एक-एक घर में कई-कई गिद्ध हैं| -इसी पुस्तक से प्रसिद्ध व्यंग्यकार गोपाल चतुर्वेदी के ये व्यंग्य-लेख अत्यंत धारदार हैं और वर्तमान सामाजिक-राजनीतिक क्षेत्र में व्याप्‍त विसंगतियों-विद्रूपताओं की पोल खोलते नजर आते हैं| इनकी मारक क्षमता बेजोड़ है| ये व्यंग्य सुधी पाठकों को गुदगुदाएँगे, हँसाएँगे और कुछ नया करने के लिए प्रेरित करेंगे|


Ratings & Reviews

0

out of 5

  • 5 Star
    0%
  • 4 Star
    0%
  • 3 Star
    0%
  • 2 Star
    0%
  • 1 Star
    0%