विज्ञापन प्रदेश में रहनेवाली ज्यादातर लड़कियों का मैंने यही चरित्र देखा है| ये जरा भी डिमांडिंग नहीं होतीं| लड़का 150 सीसी की बाइक चलाए तो उस पर लट्टू हो जाती हैं, 125 सीसी की बाइक ले आए तो भी फ्लैट हो जाती हैं| गाड़ी के इंजन का इनके पिकअप पर कोई फर्क नहीं पड़ता| ये आदतन सैल्फ स्टार्ट होती हैं| प्रभावित होने के लिए कोई शर्त नहीं रखतीं| बंदरछाप लड़का कबूतरछाप दंतमंजन भी लगाता है तो उसे दिल दे बैठती हैं| ढंग का डियो लगाने पर उसके कपड़े फाड़ देती हैं| आम तौर पर लड़कियों को पान-गुटखे से भले जितनी नफरत हो, लेकिन विज्ञापनबालाएँ उसी को दिल देती हैं, जो खास कंपनी का गुटखा खाता है| मानो बरसों से ऐसे ही लड़के की तलाश में हों, जो जर्दा या गुटखा खाता हो|
Hum Sab Fake Hain (हम सब FAKE है)
Author: Neeraj Badhwar (नीरज बधवार)
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7.78
Condition: New
Isbn: 9788189573683
Publisher: Prabhat Prakashan
Binding: Hard
Language: Hindi
Genre: Novels and Short Stories,Humor,
Publishing Date / Year: 2014
No of Pages: 144
Weight: 355 Gram
Total Price: $ 7.78
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