$10.45
Genre
Print Length
144 pages
Language
Hindi
Publisher
Prabhat Prakashan
Publication date
1 January 2013
ISBN
9789350484036
Weight
320 Gram
मिलिए सायना नेहवाल से-स्टार बैडमिंटन खिलाड़ी, वर्ल्ड नंबर 4, पद्मश्री और राजीव गांधी खेल रत्न से सम्मानित| महज बाईस साल की उम्र में ओलंपिक मेडल जीतकर उन्होंने भारत की प्रतिष्ठा बढ़ाई| अपने संस्मरणों की इस दिलचस्प पुस्तक में वे अपने बचपन और बड़े होने के दिनों को याद करती हैं| इसमें वे अपनी जिंदगी के सबसे अहम रिश्तों को याद कर रही हैं, जिला स्तर की जीत से लेकर 2012 ओलंपिक की अपनी जीत को, प्रसिद्धि से भरे अपने कॉरियर के उतार-चढ़ावों को याद कर रही हैं| वे अपनी जिंदगी के अब तक अनजान रहे तथ्यों के बारे में आपसे बातें कर रही हैं और अपने अनेक अवतारों की एक झलक देखने का मौका दे रही हैं कि कैसे एक विलक्षण बैडमिंटन खिलाड़ी के पीछे एक बेटी, बहन, छात्र और एक सामान्य लड़की छिपी हुई है| जानिए कि सायना का एक सामान्य दिन कैसे गुजरता है-कड़ी ट्रेनिंग, सख्त डाइट तथा पार्टियों व ज्यादा सोने से परहेज| लेकिन ऐसा नहीं है कि बस काम-ही-काम होता है, जीवन के मजे नहीं होते| सायना को खरीदारी करना, आइसक्रीम खाना और अपने आई-पैड पर गेम खेलना पसंद है|
इस शानदार खिलाड़ी की बेबाक तसवीरों और बैडमिंटन टिप्स के साथ सजी यह पुस्तक बताती है कि एक चैंपियन कैसे बनता है-और सबसे अहम बात है कि यह पुस्तक खुद सायना के अपने शब्दें में है|
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