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Genre
Print Length
152 pages
Language
Hindi
Publisher
Prabhat Prakashan
Publication date
1 January 2020
ISBN
9788177211795
Weight
300 Gram
अग्रणी थियोसोफिस्ट, महिला अधिकारों की समर्थक, लेखक, वक्ता एवं भारत-प्रेमी डॉ. एनी बेसेंट का जन्म लंदन शहर में सन् 1847 में हुआ था| उनके अंग्रेज पिता पेशे से डॉक्टर थे और माता एक आदर्श आयरिश महिला थीं| एनी पर अपने माता-पिता के धार्मिक विचारों का गहरा प्रभाव था| युवावस्था में सन् 1867 में उनका विवाह एक युवा पादरी रेवरेंड फ्रैंक से हुआ| 1870 तक वह दो बच्चों की माँ बन चुकी थीं| अंततोगत्वा सन् 1874 में उनका अपने पति से संबंध-विच्छेद हो गया| उनका भारत आगमन सन् 1893 में हुआ| सन् 1906 तक उनका अधिकांश समय वाराणसी में बीता| वे 1907 में थियोसोफिकल सोसाइटी की अध्यक्षा निर्वाचित हुईं| धार्मिक, शैक्षणिक, सामाजिक एवं राजनीतिक क्षेत्र में उन्होंने राष्ट्रीय पुनर्जागरण का कार्य प्रारंभ किया| भारत के लिए राजनीतिक स्वतंत्रता आवश्यक है, इसके लिए उन्होंने ‘होमरूल आंदोलन’ संगठित किया|
डॉ. एनी बेसेंट ने थियोसोफी पर करीब 220 पुस्तकें तथा अनेक लेख लिखे| सन् 1895 में उन्होंने सोलह पुस्तकें और अनेक पैंफलेट प्रकाशित किए, जो 100 पृष्ठों से भी अधिक थे| एनी बेसेंट ने ‘श्रीमद्भगवद्गीता’ का अंग्रेजी में अनुवाद किया| समय-समय पर ‘लूसिफेर’, ‘द कॉमनवील’ व ‘न्यू इंडिया’ के संपादन भी एनी बेसेंट ने किए| 20 सितंबर, 1933 को वे ब्रह्मलीन हो गईं|
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