भारतीय संस्कृति के विविध उपादानों में संगीत की अपनी विशिष्ट भूमिका रही है| वैदिक ऋचाओं की सस्वर अभिव्यक्ति एवं सामवेद का संगीत-प्रधान शास्त्र होना इस तथ्य को संपुष्ट करता है| जवानी हो या बुढ़ापा, दु:ख हो अथवा सुख, एकांत हो या समूह, जीवन के प्रत्येक मोड़ पर संगीत मानव को अनुप्राणित व प्रोत्साहित करता है| संगीत की अभिव्यक्ति में संगीत शिल्पकारों की महत्त्वपूर्ण भूमिका होती है| संगीत-शास्त्री, गीतकार, संगीतकार के संग प्रस्तोता के रूप में गायक, वादक एवं नर्तक संगीतज्ञों के विविध स्तंभ हैं| संगीत के अभिज्ञान में इन संगीत शिल्पियों के जीवन-चरित, इतिहास और संगीत के क्षेत्र में इनके महत्त्वपूर्ण अवदानों की जानकारी विशेष महत्त्व रखती है| संगीत संस्थाओं, विद्यालयों तथा विश्वविद्यालयों के संगीत विषयक पाठ्यक्रम में संगीतज्ञों की जीवनी और उनके सांगीतिक कार्यों का अध्ययन होता है, साथ ही संगीत रसिकों को संगीत से संबद्ध व्यक्तियों के बारे में कुछ जानने की प्रबल जिज्ञासा रहती है| इन्हीं समस्त स्थितियों को ध्यान में रखते हुए इस पुस्तक में प्राचीन एवं वर्तमान काल के प्रमुख लोकप्रिय संगीतज्ञों के बारे में रोचक जानकारी प्रस्तुत की गई है| आशा है, संगीत शिक्षार्थियों के साथ सामान्य संगीत-प्रेमी जन भी इस पुस्तक से लाभान्वित होंगे|
Bharat Ke Mahan Sangeetagya (भारत के महान संगीततज्ञ)
Author: Mohnanand Jha (मोहनानंद झा)
Price:
$
17.24
Condition: New
Isbn: 9789380183428
Publisher: Prabhat Prakashan
Binding: Hardcover
Language: Hindi
Genre: Novels and Short Stories,Music,Memoir and Biography,
Publishing Date / Year: 2018
No of Pages: 320
Weight: 625 Gram
Total Price: $ 17.24
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