डॉ. राममनोहर लोहिया सही मायने में समाजवादी नेता थे, जो समाज के सबसे कमजोर तबके के व्यक्ति को समाज की मुख्यधारा में लाकर उसका विकास करने के हिमायती थे| अपने प्रखर चिंतन और विचारशीलता के कारण उनको खूब सम्मान प्राप्त था| सामान्यत: लोहिया के चिंतक-स्वरूप को पिछड़ी व दबी जातियों को आगे लाने वाले उनके चिंतन तक सीमित कर दिया जाता है, जबकि विश्व सरकार की अवधारणा, मार्क्स के बाद अर्थशास्त्र और एशियाई देशों में क्रांति के अवरुद्ध होने के कारकों पर लोहिया उसी प्रबलता से विचार करते हैं| मुकुल लिखते हैं-'लोहिया की मुख्य स्थापना पूँजीवादी देशों के मजदूरों और औपनिवेशिक मजदूरों की स्थिति में अंतर को लेकर है| लोहिया की इस स्थापना से गुजरने के बाद 'दुनिया के मजदूरों एक हो’ का नारा भावनात्मक लगने लगता है|’ प्रस्तुत पुस्तक डॉ. लोहिया के बहुआयामी चिंतक-स्वरूप को सहज भाषा में सामने रखती है| नई पीढ़ी के लिए इस पुस्तक से गुजरना उसे एक वैचारिक नवोन्मेष देगा|
Dr. Lohia Aur Unka Jeevan-Darshan (डॉ. लोहिया और उनका जीवन-दर्शन)
Author: Mukul Kumar (कुमार मुकुल)
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7.78
Condition: New
Isbn: 9789350482070
Publisher: Prabhat Prakashan
Binding: Hardcover
Language: Hindi
Genre: Novels and Short Stories,Memoir and Biography,
Publishing Date / Year: 2017
No of Pages: 144
Weight: 280 Gram
Total Price: $ 7.78
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