अमीर खुसरो फरसी, अरबी, तुर्की, संस्कृत तथा हिंदी के विद्वान् थे| उनका मूल नाम अबुल हसन था| ‘खुसरो’ उनका उपनाम था, जो आगे चलकर इतना चर्चित हुआ कि लोग उनका असली नाम ही भूल गए| जलालुद्दीन खिलजी ने उनकी कविता से प्रसन्न होकर उन्हें ‘अमीर’ का खिताब दिया, तब से वे ‘अमीर खुसरो’ कहे जाने लगे| खुसरो ने दस वर्ष की उम्र में ही काव्य-रचना शुरू कर दी थी| उन्होंने दर्शन, धर्मशास्त्र, इतिहास, युद्धविद्या, व्याकरण, ज्योतिष, संगीत आदि का गहन अध्ययन किया| उनकी पुस्तक ‘लैला मजनू’ से पता चलता है कि उनकी एक पुत्री तथा तीन पुत्र थे| खुसरो में देशप्रेम कूट-कूटकर भरा था| उन्हें अपनी मातृभूति भारत पर बड़ा गर्व था| उन्होंने एक स्थान पर कहा है-‘मैं हिंदुस्तान की तूती हूँ| अगर तुम वास्तव में मुझसे जानना चाहते हो तो हिंदवी में पूछो, मैं तुम्हें अनुपम बातें बता सकूँगा|’ खुसरो ने कई लाख शेर लिखे| इनकी कृतियों की संख्या 99 बताई जाती है, परंतु अभी तक 45 कृतियों का ही पता चला है| अमीर खुसरो एक बहुत अच्छे गायक और संगीतशास्त्रा् भी थे| संगीत के वाद्य और गेय दोनों ही क्षेत्रों में इनका योगदान रहा है| कई भाषाओं के प्रकांड विद्वान् और आपसी सद्भाव के प्रतीक अमीर खुसरो के जीवन-प्रसंग और उनके रचना-संसार से परिचित करानेवाली अनुपम पुस्तक|
Amir Khusro Aur Unka Hindi Sahitya (अमीर खुसरों और उनका हिन्दी साहित्य)
Price:
$
12.61
Condition: New
Isbn: 8173150303
Publisher: Prabhat Prakashan
Binding: Hardcover
Language: Hindi
Genre: Novels and Short Stories,Literature,
Publishing Date / Year: 2016
No of Pages: 202
Weight: 400 Gram
Total Price: $ 12.61
Reviews
There are no reviews yet.