बाल्यकाल में ही बधिरता जैसे अभिशाप को एकाग्रता जैसे अद्भुत गुण में परिवर्तित करनेवाले थॉमस अल्वा एडिसन ने जीवन के अंतिम प्रहर तक थकना नहीं सीखा| औपचारिक शिक्षा से वंचित होने पर भी साहित्य से लेकर विज्ञान तक का गहन अध्ययन करनेवाले इस वैज्ञानिक ने अपने कार्यकाल में औसतन हर पंद्रह दिन में एक पेटेंट हासिल किया; उनके जरिए दुनिया आधुनिक काल में प्रवेश कर गई और उपभोक्तावाद का प्रादुर्भाव हुआ| नियति ने उसे पल-पल पर खोने के लिए मजबूर किया| तमाम उद्योगों में घाटा हुआ, अनेक आविष्कार असफल हुए, प्रयोगशाला जल गई, मित्रों और सहयोगियों ने भी धोखा दिया, संतानों में अविश्वास उपजा; किंतु एडिसन आयु के हर पड़ाव पर दुनिया को देता ही रहा| बिजली, ग्रामोफोन, सिनेमा, रबर जैसे सैकड़ों अद्भुत आविष्कारों का जनक न युद्धकाल में चैन से बैठा और न ही शांतिकाल में| उसने पत्रकारिता भी की और समाज-सेवा भी| उसे मानव से प्यार था और पक्षियों से भी| वह नेत्रहीनों की सहायता भी करता रहा और फिल्मों के जरिए नवोदित कलाकारों की भी| अमेरिकी राष्ट्रपति से लेकर आम आदमी तक उसका मुरीद बन चुका था| आज भी एडिसन अनुसंधानकर्ताओं के लिए आइंस्टाइन की तरह रोचक विषय है| एक श्रेष्ठ जीवन की श्रेष्ठ गाथा है यह पुस्तक|
Thomas Alva Edison (थोमस अल्वा एडिसन)
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7.78
Condition: New
Isbn: 8188139769, 9789382901945
Publisher: Prabhat Prakashan
Binding: Hardcover
Language: Hindi
Genre: Novels and Short Stories,Science and Technology,
Publishing Date / Year: 2013
No of Pages: 147
Weight: 300 Gram
Total Price: $ 7.78
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