$7.78
Print Length
127 pages
Language
Hindi
Publisher
Prabhat Prakashan
Publication date
1 January 2018
ISBN
9789384343088
Weight
290 Gram
आचार्य विष्णुगुप्त चाणक्य अपने गुणों से मंडित, राजनीति विशारद्, आचार-विचार के मर्मज्ञ, कूटनीति में सिद्धहस्त एवं एक कठोर गुरु के रूप में विख्यात हैं और राजनीतिकारों व कूटनीतिकों के आदर्श हैं|
मौर्यवंश की स्थापना आचार्य चाणक्य की एक महती उपलब्धि है| यह वह समय था, जब मौर्यकाल के प्रथम सिंहासनारूढ़ चंद्रगुप्त मौर्य शासक थे| उस समय चाणक्य राजनीति के गुरु थे| आज भी कुशल राजनीति विशारद् को चाणक्य की संज्ञा दी जाती है| चाणक्य ने संगठित, संपूर्ण आर्यावर्त का स्वप्न देखा था, तदनुरूप उन्होंने सफल प्रयास किया|
उन्होंने नंदवंश को समूल नष्ट कर उसके स्थान पर अपने सुयोग्य एवं मेधावी वीर शिष्य चंद्रगुप्त मौर्य को शासक पद पर सिंहासनारूढ़ करके अपनी जिस विलक्षण प्रतिभा का परिचय दिया, उससे समस्त विश्व परिचित है|
चाणक्य चंद्रगुप्त मौर्य के महामंत्री, गुरु, हितैषी तथा राज्य के संस्थापक थे| चंद्रगुप्त मौर्य को राजा पद पर प्रतिष्ठित करने का कार्य इन्हीं के बुद्धि-कौशल का परिणाम था| उन्हें भारत के एक महान् राजनीतिज्ञ और अर्थशास्त्री के रूप में जाना जाता है| उनके सिद्धांत, परिभाषाएँ, सूत्र और वचन आज भी प्रासंगिक हैं|
ऐसे महान् रणनीतिज्ञ व समाजशास्त्री आचार्य चाणक्य की प्रामाणिक एवं प्रेरणाप्रद जीवनगाथा|
0
out of 5