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Genre
Print Length
152 pages
Language
Hindi
Publisher
Prabhat Prakashan
Publication date
1 January 2013
ISBN
9789383111350
Weight
295 Gram
“ना बबुआ ना, रोइए नहीं| मैं आपके आँसू नहीं देख सकता|”
वे और रोने लगे| मैंने उनका सिर अपने हाथों में भर लिया और आँसू पोंछने लगा| वे बच्चे की तरह मेरी गोद में भहरा उठे| कुछ देर बाद बोले, “कहाँ रहे दिन भर?”
“खेतों में आपके साथ घूमता रहा|”
“मेरे साथ?”
“हाँ, आपकी यादों के साथ|”
“अच्छा जाओ, खाना-वाना खा लो|”
“नहीं बबुआ, आज तो मैं आपके साथ यहीं खाना खाऊँगा| यहीं आपके साथ सोऊँगा और बहुत दिन हो गए आपके मुँह से कहानी सुने हुए, कोई कहानी सुनूँगा|”
बबुआ आँसू भरी आँखों से मुझे देख रहे थे और लग रहा था कि वे एक बार फिर अपने पिछले दिनों में लौट गए हैं मेरे साथ| -इसी संग्रह से
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वरिष्ठ कथाकार प्रो. रामदरश मिश्र के प्रस्तुत संग्रह की मार्मिक एवं संवेदनशील कहानियों में विविध प्रकार के चरित्रों, समस्याओं और स्थितियों को रूपायित किया गया है| रोमांचित एवं उद्वेलित करनेवाली हृदयस्पर्शी कहानियाँ|
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