$10.31
Genre
Print Length
160 pages
Language
Hindi
Publisher
Prabhat Prakashan
Publication date
1 January 2013
ISBN
9789380823386
Weight
310 Gram
दस-बारह रोज और बीत गए| दोपहर का समय था| बाबूजी खाना खा रहे थे| मैं मुन्नू के पाँवों में पीनस की पैजनियाँ बाँध रहा था| एक औरत घूँघट निकाले हुए आई और आँगन में खड़ी हो गई| उसके वस्त्र फटे हुए और मैले थे, पर गोरी सुंदर औरत थी| उसने मुझसे पूछा, ‘‘भैया, बहूजी कहाँ हैं?’’
मैंने उसके निकट जाकर मुँह देखते हुए कहा, ‘‘तुम कौन हो, क्या बेचती हो?’’
औरत-‘‘कुछ बेचती नहीं हूँ, बस तुम्हारे लिए ये कमलगट्टे लाई हूँ| भैया, तुम्हें तो कमलगट्टे बड़े अच्छे लगते हैं न?’’
मैंने उसके हाथ में लटकती हुई पोटली को उत्सुक आँखों से देखकर पूछा, ‘‘कहाँ से लाई हो? देखें|’’
स्त्री, ‘‘तुम्हारे हरकारे ने भेजा है, भैया!’’
मैंने उछलकर कहा, ‘‘कजाकी ने?’’
स्त्री ने सिर हिलाकर ‘हाँ’ कहा और पोटली खोलने लगी| इतने में अम्माजी भी चौके से निकलकर आइऔ| उसने अम्मा के पैरों का स्पर्श किया| अम्मा ने पूछा, ‘‘तू कजाकी की पत्नी है?’’
औरत ने अपना सिर झुका लिया|
-इसी पुस्तक से
उपन्यास सम्राट् मुंशी पेमचंद के कथा साहित्य से चुनी हुई मार्मिक व हृदयस्पर्शी कहानियों का संग्रह|
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