$10.24
Genre
Print Length
160 pages
Language
Hindi
Publisher
Prabhat Prakashan
Publication date
1 January 2018
ISBN
9789380823393
Weight
305 Gram
भारतीय भाषाओं के साहित्य में बँगला साहित्य की अपनी अलग पहचान है| इस भाषा के अनेक रचनाकारों ने अपनी लेखनी के दम पर विश्व साहित्य पर प्रभुत्व स्थापित किया| ऐसे ही रचनाकारों में बाबू शरतचंद्र चटर्जी का नाम अजर-अमर है| उनका संपूर्ण साहित्य विश्व की अनेक भाषाओं में अनुवादित होकर जन-जन में प्रचारित व प्रसारित हुआ| ‘देवदास’, ‘चरित्रहीन’, ‘श्रीकांत’, ‘काशीनाथ’ जैसी रचनाओं का नाम सामने आते ही शरतचंद्र का संपूर्ण व्यक्तित्व मानो साकार हो जाता है|
शरतचंद्र ने अपने साहित्य में भारतीय समाज की मान्यताओं व परंपराओं को उनके आदर्श़ों सहित यथार्थ रूप में चित्रित किया है| उन्होंने अपने साहित्य में सामाजिक व राजनीतिक समस्याओं के बीच अपनी रोमांटिक प्रवृत्ति की छाप अवश्य छोड़ी है; समाज की कुरीतियों व कुचेष्टाओं पर प्रबल प्रहार किए हैं, साथ ही नारी-मन के अंतर्द्वंद्व व पीड़ा का भी मार्मिक चित्रण किया है|
शरत बाबू की इन कहानियों में समाज में व्याप्त बुराइयों, समस्याओं, पारिवारिक उलझनों को अलग-अलग प्रकार से चित्रित किया गया है| अनेक कहानियाँ ऐसी हैं, जो कभी भुलाई नहीं जा सकेंगी|
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