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Kyon, Kyon Aur Akhir Kyon (क्यों क्यों आखिर क्यों)

Price: $ 7.78

Condition: New

Isbn: 9789381063255

Publisher: Prabhat Prakashan

Binding: Hardcover

Language: Hindi

Genre: Novels and Short Stories,

Publishing Date / Year: 2012

No of Pages: 144

Weight: 290 Gram

Total Price: $ 7.78

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जरीना की आँखें भगत के शरीर पर गड़ी थीं| मन बार-बार भगत एवं राज की ओर भागकर जाता रहा| वह एक अशांत पक्षी की तरह एक डाल से दूसरी डाल पर फुदकती रही| फिर कभी वह अपने आप से प्रश्‍न करती-'हम दोनों ने ऐसा क्या कर दिया होगा, जिसके कारण मेरे धर्म भाई ने ही मेरा सुहाग लूटना चाहा?’ थोड़ी देर बाद वह कुछ बुदबुदाने लगी, जिसकी आवाज सुनकर लोगों ने उसे सँभाला| तेज हवा के वेग से हिलनेवाले सूखे पत्तों की तरह जरीना का शरीर काँप रहा था| फिर से बुदबुदाते हुए जरीना ने कहा, ''राज से यह सब किसी ने करवाया है| निश्‍चय ही किसी ने बहकाया है| लेकिन वह बहका ही क्यों? वह कौन सा ऐसा कारण हो सकता है, जिसने राज को यह सब करने को मजबूर किया? कहीं उसका दिमाग तो नहीं खराब हो गया है? इस शहर में हम दोनों के दुश्मन भी हैं, आस्तीन के साँप की तरह, मुझे मालूम न था|’’ -इसी संग्रह से प्रस्तुत कहानियाँ प्रवासी संसार में पारिवारिक बदलाव एवं टूटन, हिंदू-मुसलिम एकता, समाचार-पत्रों की भूमिका, सभ्य समाज को शर्मसार करती विसंगतियों का कच्चा चिट्ïठा पेश करती हैं|