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Genre
Print Length
136 pages
Language
Hindi
Publisher
Prabhat Prakashan
Publication date
1 January 2011
ISBN
9789381063217
Weight
275 Gram
सूर्यबाला की कहानियाँ प्रदीप्त संपूर्ण राग की तरह हैं| ‘कात्यायनी संवाद’ की कात्यायनी, ‘बिन रोई लड़की’, ‘माइ नेम इज ताता’ की दादी जैसे चरित्र अपनी भावनाओं में जितने ईमानदार हैं, उतने ही विनय और उत्सर्ग से भरे हुए भी| मनुष्यता के तर्क के बाहर उन्हें कुछ भी मान्य नहीं है| अपनी कहानियों के चरित्रों से उतार-चढ़ाव, आकांक्षाएँ, स्वप्न और संघर्ष में बहुत संलग्नता से शामिल हैं सूर्यबाला| जीवन के बहुत ही जटिल भावों और संवेगों की बारीक-से-बारीक हरकत को व्यक्त कर देने की कला उनमें है| सूर्यबाला की समग्र कहानियों में कोई एक बार बारीकी से प्रवेश कर सबकुछ को थाम रहा है तो वह है जीवन के सूक्ष्म सारमय और मानवीयता पर उनका विश्वास|-डॉ. चंद्रकला त्रिपाठी (वरिष्ठ समीक्षिका)
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