$14.00
Genre
Print Length
168 pages
Language
Hindi
Publisher
Prabhat Prakashan
Publication date
1 January 2018
ISBN
9789381063149
Weight
325 Gram
आसुरी उन्माद से भरी इस जगती में मनुष्यता का पुलक नाद पहचानने का निरंतर अभ्यास साधना ही लेखनी का सच्चा तप होता है| कई साक्ष्य ऐसे होते हैं, जिनके कशाघात से चेतना तिलमिला उठती है|
इस देश के विद्या मंदिर इन दिनों किस दुर्वह योग से ग्रसित हैं, यह सबको पता है|...धन की प्रचंड चाह, अवैधता में आकंठ डूबे तथाकथित ज्ञानियों-विज्ञानियों का निरंकुश बुद्धिवादी आचार-व्यवहार, राजनीति की धूनी लगाकर ऊँचे आसन पर बैठने वाले संवेदनाशून्य प्राणियों का ऑक्टोपस जाल और ऐसे परिवेश में जीवन गंध खोजने का उपक्रम|
प्रस्तुत कहानियों में अनपेक्षित ऐश्वर्य बटोरने की कलंक-कथा का हिस्सा बननेवाली,भौतिक लिप्साओं के नागपाश में जकड़कर विषवमन करनेवाली दुःशील जीवात्माएँ चहुँ ओर फैली हैं| लेकिन इन कहानियों के शब्दों का अक्षय संसार वैष्णवी आस्था रखनेवाली उन तमाम संज्ञाओं के लिए है, जिनकी चेतना शत सहस्र सात्त्विक अनुभूतियों की सुगंध से आपूरित है,जिनके हृदय में चुने यंत्रणा के शूल ऋत् से जुड़ने की संजीवनी दें|
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