एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी द्वारा अपने जीवन के अनुभवों के आधार पर लघु कथानकों के माध्यम से जिंदगी के विभिन्न पहलुओं एवं विषमताओं पर एक तात्त्विक एवं सारगर्भित प्रस्तुति के साथ- साथ वर्तमान परिवेश में प्रत्येक वर्ग के समक्ष विद्यमान विवशताओं के यथार्थपूर्ण चित्रण का सम्यक् समावेश भी इस पुस्तक में है | व्यवस्था-तंत्र व उसकी कार्यप्रणाली के बारे में आम लोगों के क्या अनुभव एवं प्रतिक्रियाएँ हैं, वे भी भलीभांति चित्रित की गई हैं | एक साहित्यिक कृति के रूप में विषयवस्तु का विकास करते हुए कथानकों का मंथन भी ' पद्यांशों ' के रूप में लेखक द्वारा अभिलिखित किया गया है | प्रत्येक कथानक से उजागर जीवनोपयोगी विचारों को ' विचार-स्पंदन ' के अंतर्गत सूक्ष्मता में रखकर लेखक ने गागर में सागर भरने की कला का प्रदर्शन किया है | प्रस्तुत पुस्तक में वैचारिक पटल से आगे बढ़ते हुए लेखक ने आत्मबोध के मार्ग को ही प्रशस्त नहीं किया है अपितु आध्यात्मिक अनुभूति भी कराई है | पुस्तक के माध्यम से पाठकों की यह यात्रा ' वास्तविक ' से लेकर ' तात्त्विक ', फिर ' साहित्यिक ' से लेकर ' सात्विक ' अनुभूतियों की यात्रा होगी | प्रत्येक जागरूक एवं संवेदनशील पाठक के लिए यह एक अत्यंत उपयोगी पठन सामग्री है |
Beesvin Sadi Ki Bees Kathayen (बीसवीं सदी की बीस कथाएँ)
Price:
$
11.85
Condition: New
Isbn: 8185827907, 9789386001443
Publisher: Prabhat Prakashan
Binding: Hardcover
Language: Hindi
Genre: Novels and Short Stories,
Publishing Date / Year: 2017
No of Pages: 208
Weight: 345 Gram
Total Price: $ 11.85
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