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Genre
Print Length
146 pages
Language
Hindi
Publisher
Prabhat Prakashan
Publication date
1 January 2016
ISBN
9789382901990
Weight
285 Gram
‘सिसकियाँ’ कहानी नारी की उस दशा का वर्णन है, जब वह ममत्व की चाह व शारीरिक कामना के वशीभूत हो जाती है और हर पल छली जाती है| अंत में वह अपनी स्थिति का आकलन अपने बेटे पर छोड़ देती है|
‘मौन’ कहानी स्वयं के मौन से जूझती एक स्त्री की कहानी है| पहले तो मौन वह हँसी-खेल में धारण करती है, बाद में वही मौन उसके जीवन का एक अंग बन जाता है|
‘कब्जा’ कहानी वर्तमान समय में जबरन भू-संपत्ति व अचल संपत्ति पर होनेवाले कब्जे का एक समाधान प्रस्तुत करती है| वास्तव में इस कहानी की रचना ट्रेन में मिले एक युवा दंपती के साथ घटी वास्तविक घटना को सुनकर की गई है| पर वे लोग अपनी संपत्ति को यों ही अपनी माँ के हत्यारों को सौंपकर चले गए| उनकी मजबूरी बहुत दिनों तक मुझे मथती रही कि आखिर भले लोगों की इस समस्या का समाधान क्या है?
इसी तरह अन्य कहानियाँ समाज के गर्भ से उत्पन्न समस्याओं पर आधारित हैं|
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