$7.78
Genre
Print Length
225 pages
Language
Hindi
Publisher
Prabhat Prakashan
Publication date
1 January 2017
ISBN
8177210882, 9788177213577
Weight
245 Gram
प्रस्तुत कहानी-संग्रह में कुल इक्कीस कहानियाँ संगृहीत हैं| प्रत्येक कहानी जीवंत अनुभव है| इनके संदर्भ हैं- व्यक्ति, परिवार और समाज| ये एक-दूसरे की रचना करते हैं और एक-दूसरे का निर्माण भी| यों तो विश्व के सभी समाजों में परिवार महत्त्वपूर्ण होता है, पर भारतीय यनज में इसका योगदान अछा है | पइरवार में परस्पर सहयोग अथवा असहयोग की स्थितियाँ होती हैं, जो परिवार का ग्हन-सहन सँवारती और बिगाड़ती हैं, जिनके प्रभाव से व्यक्ति और समाज प्रभावित होते ही हैं | अतएव परिवार का महत्त्व सर्वाधिक है | परिवार के सदस्य एक-दूसरे से कुछ अपेक्षाएँ रखते हैं, जिनकी पूर्ति से आनंद का सर्जन होता है और पूरा न होने पर पीड़ाएँ जन्म लेती हैं | भारतीय परिवारों का पारंपरिक परिवेश आज बदल रहा है | बदलते परिवेश में परिवार के सदस्यों के परस्पर ' रिश्ते ' भी बदल रहे हैं | प्रस्तुत हैं उन्हीं बदलते हुए रिश्तों की अनूठी और हृदयस्पर्शी कहानियाँ | इन्हें पढ़कर पाठकगण प्रेम, विश्वास, संबंधों के यथार्थ और भावनाओं के आलोड़न-विलोड़न का दिग्दर्शन करेंगे |
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