$13.53
Genre
Print Length
272 pages
Language
Hindi
Publisher
Prabhat Prakashan
Publication date
1 January 2016
ISBN
8173150494, 9789351868613
Weight
390 Gram
महंत ने कहा- 'सुमंतपुरी, तुमने एक बार मुझसे प्रश्न किया था कि मै र्द्वजन्म में कौन था|... आज उस प्रश्न का उत्तर देने का समय आ गया है| .. .सुमंतपुरी, तुम उस जन्म में राजा थे, यह बात मैं पहले बतला चुका हूँ|' सुमंतपुरी- 'मैं कहाँ का राजा था, महाराज ' महंत-'तुम सुमंतपुरी, र्द्वजन्म में इसी धामोनी के राजा थे|' सुमंतपुरी- 'धामोनी का!' कचनार- 'धामोनी के?' महंत- 'हो धामोनी के| मेरी बात में कोई संदेह नहीं|' कचनार- 'तो महाराज, अंत- पुरीजी का शरीर किसी और का है और आत्मा किसी और की है? कृपा करके समझाइए| मैं बहुत भ्रम में पड़ गई हूँ| -एक जन्म में तीन जन्मों के स्मरण की ऐसी अनूठी, पर ऐतिहासिक कथा, जिससे चिकित्सा शास्त्र के अच्छे-अच्छे विद्वान् भी चकरा गए|
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