Logo

  •  support@imusti.com

120 Karor Bhartiyon Ka Bazar (१२० करोड़ भारतियों का बाजार)

Price: $ 7.78

Condition: New

Isbn: 9789350480601

Publisher: Prabhat Prakashan

Binding: Hardcover

Language: Hindi

Genre: Other,

Publishing Date / Year: 2011

No of Pages: 231

Weight: 350 Gram

Total Price: $ 7.78

    0       VIEW CART

भारत एक विकासशील देश है| यहाँ की विशाल जनसंख्या-120 करोड़-किसी भी बड़ी कंपनी को अपनी ओर आकर्षित करने में सक्षम है| हम 120 करोड़ भारतीयों को सोचकर ही अनेक भारतीय व अंतरराष्‍ट्रीय कंपनियाँ अपने उत्पाद बनाकर इन्हें बेचने, मार्केट करने की रणनीतियाँ बनाती हैं| पर भारतीय उपभोक्‍ताओं की विविधता और जटिलता किसी को भी भ्रमित कर सकती है| ऐसी स्थिति में सुप्रसिद्ध मार्केट रणनीतिकार व उपभोक्‍ता मामलों की विशेषज्ञ रमा बीजापुरकर के व्यापक और व्यावहारिक अनुभव से निकली यह कृति भारतीय उपभोक्‍ताओं पर अच्छी अंतर्दृष्‍टि देनेवाली है| यह पुस्तक अनगिनत ‌व‌िश्‍लेषक गोष्‍ठियों, पॉवर पॉइंट प्रेजेंटेशन और भाषणों का नतीजा है, जो विश्‍व भर में अनेक जगह इस विषय पर हुए कि भारतीय उपभोक्‍ताओं और भारतीय बाजार के साथ क्या संभावनाएँ हैं तथा क्या विरोधाभास और खतरे हैं| उपभोक्‍ता भारत पर यह पुस्तक व्यापक पाठक वर्ग के लिए अधिक उपयोगी होगी| भारत ध्यान आकर्षण का केंद्र होने के साथ-साथ अपनी विषमताओं और विरोधाभासों से भ्रम की स्थिति पैदा कर रहा है कि कौन सी नीति प्रयोग की जाए| यह पुस्तक भारतीय उपभोक्‍ता की दुनिया, उसके दृष्‍टिकोण, चाहत और व्यवहार की विस्तृत यात्रा कराती है| भारत के अलग-अलग इलाकों का उदाहरण देकर पूरे भारत का ऐसा वर्णन इस पुस्तक में है, जिसे अन्यत्र पाना मुश्किल भी है और दुर्लभ भी| -एन.आर. नारायण मूर्ति हालाँकि भारत बहुत जटिल बाजार है, फिर भी कुछ ऐसे सरल सत्य हैं, जो प्रबंधकों को मान लेने चाहिए| भारतीय उपभोक्‍ता को पैसे की पूरी कीमत चाहिए| भारतीय उपभोक्‍ता गरीब हो सकता है, पर पिछड़ा नहीं है| रमा बीजापुरकर की यह पुस्तक भारतीय उपभोक्‍ताओं के बड़े लेकिन जटिल बाजार के बारे में बड़ी कुशलता से बताती है| -सी.के.प्रह्लाद बीजापुरकर का कार्य एकदम अलग प्रकार का है; यह साधारण कमेंटरी नहीं है, बल्कि भलीभाँति किए गए शोध और तथ्यों पर आधारित है| इसमें प्रवचन नहीं, बल्कि व‌िश्‍लेषण पर जोर दिया गया है| जिस शैली में उन्होंने संदेश दिया है, वह तो उनका ट्रेडमार्क बन गया है| -बिजनेस टुडे बीजापुरकर के अनुसार, भारत के चालू और जटिल बाजार में उपभोक्‍ता के व्यवहार को कई कोणों से देखना चाहिए| इस आकर्षक पुस्तक में कई मान्यताओं, मिथकों और पारंपरिक अवधारणाओं के बारे में बताने की कोशिश की गई है| -इकोनॉमिक टाइम्स बीजापुरकर की यह पुस्तक भारतीय उपभोक्‍ताओं के मानस और उसके व्यवहार को समझने में सहायक सिद्ध होगी| -इंडिया टुडे यह बहुत अच्छी तरह से लिखी गई पुस्तक है, जिसमें बहुत सारे उपाख्यान दिए गए हैं| -इंडियन एक्सप्रेस बीजापुरकर का शिक्षक और कंसल्टेंट के रूप में ज्ञान बहुत अच्छा है| यह पुस्तक उसी ज्ञान को आम आदमी तक पहुँचाने का माध्यम है| -हिंदुस्तान टाइम्स