$11.92
Genre
Print Length
199 pages
Language
Hindi
Publisher
Prabhat Prakashan
Publication date
1 January 2011
ISBN
9789381063071
Weight
350 Gram
कृष्ण करुणा का साक्षात् रूप हैं और गांधी प्रेम का एक अनोखा आकार| गांधी का जीवन सत्य को प्राप्त करने की प्रक्रिया है| कृष्ण का जीवन सत्य की प्राप्ति के बाद का आचरण है| कृष्ण का जीवन-ध्येय धर्म की संस्थापना था और गांधी का जीवन-ध्येय सत्य की प्राप्ति था| इन दोनों विरल व्यक्तित्वों के जीवन का परीक्षण करने के पश्चात्, उनके कर्मो की मीमांसा करने के पश्चात् क्या हम ऐसा कह सकते हैं कि वे दोनों अपने-अपने उद्देश्य में सफल हुए?
सीने पर हाथ रखकर इसे कह पाना दुष्कार है|...और फिर भी देश या दुनिया को, और शायद समूची मानव जाति का निर्वहन कृष्ण और गांधी के बिना न कभी हुआ है, न होने वाला है|
कृष्ण और गांधी दोनों तो ऐसे प्रतीक हैं जिनके स्पर्श के बिना मानव जाति का बच पाना असंभव है| मनुष्य जाति का यह सद्भाग्य रहा है कि ऐसे प्रतीक समय-समय पर उसे प्राप्त होते रहे हैं|
जिस पल मनुष्य जाति ऐसे प्रतीक पैदा करने की क्षमता गँवा देगी, वह इतिहास का अंतिम पल होगा|
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