$10.86
Genre
Print Length
184 pages
Language
Hindi
Publisher
Prabhat Prakashan
Publication date
1 January 2013
ISBN
8188139971
Weight
350 Gram
अविश्वसनीय प्रतीत होते हुए भी यह सच है कि पृथ्वी पर प्रतिदिन 9000 भूकंप आते हैं, परंतु वे इतने क्षीण होते हैं कि हम उन्हें महसूस भी नहीं कर पाते| भीषण और विनाशकारी भूकंपों की संख्या वर्ष में 10-12 से अधिक नहीं होती और प्रलय का दृश्य उपस्थित करनेवाले भूकंपों की संख्या तो वर्ष में 1 या 2 ही होती है| इसके बावजूद हर वर्ष लगभग 15,000 व्यक्ति भूकंपों के कारण काल के गाल में समा जाते हैं|
यद्यपि मृतकों को पुनरुज्जीवित तो नहीं किया जा सकता और न ही अपंग हुए व्यक्तियों को फिर से पूर्ण स्वस्थ किया जा सकता है, परंतु समय रहते सुरक्षा के आवश्यक उपाय करके जान-माल की अधिकाधिक रक्षा अवश्य की जा सकती है|
हमारा देश भी भूकंपी पट्टी में स्थित है और उसमें भी भीषण भूकंप आते ही रहते हैं| इसलिए उनसे अपनी सुरक्षा के उपाय करना हमारे लिए नितांत आवश्यक है|
प्रस्तुत पुस्तक में भूकंप उत्पन्न होने के कारण, विश्व तथा भारत के प्रसिद्ध भूकंपों के साथ-साथ इनसे सुरक्षा के दीर्घकालीन तथा तात्कालिक उपायों का वर्णन है| सरल भाषा, रोचक शैली में लिखी और चित्रों से सुसज्जित यह पुस्तक अत्यंत जानकारीपरक, उपयोगी एवं रुचिकर है|
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