$10.79
Genre
Print Length
280 pages
Language
Hindi
Publisher
Prabhat Prakashan
Publication date
1 January 2009
ISBN
8188267457
Weight
345 Gram
शैलेश मटियानी हिंदी के शीर्षस्थ उपन्यासकार थे| भारतीय कथा साहित्य की जनवादी जातीय परंपरा से शैलेश मटियानी के कथा साहित्य का अटूट रिश्ता है| वे दबे-कुचले, भूखे-नंगों, दलितों-उपेक्षितों के व्यापक संसार को बड़ी आत्मीयता से अपनी कथा में पनाह देते हैं| उपेक्षित और बेसहारा लोग ही मटियानी की रचना की ताकत हैं| दलित एवं उपेक्षित जीवन का व्यापक और विशाल अनुभव तथा उनकी जिजीविषा एवं संघर्ष को अपनी कथा-रचना में ढाल देने की सिद्धहस्तता मटियानी को कथा के शिखर पर पहुँचाती है| इस उपन्यासद्वय में शैलेश मटियानी के दो सामाजिक उपन्यास ‘कोई अजनबी नहीं’ और ‘मंजिल-दर-मंजिल’ प्रस्तुत हैं| दोनों उपन्यास कारुणिक, मार्मिक व हृदयस्पर्शी हैं, जो पाठकों के अंतर्मन को छू जाएँगे|
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