$12.20
Genre
Print Length
206 pages
Language
Hindi
Publisher
Prabhat Prakashan
Publication date
1 January 2013
ISBN
9789350483039
Weight
370 Gram
बिहार में पत्रकारिता के इतिहास की कहानी इस पुस्तक में विस्तार से वर्णित है| इसमें ‘स्याह से स्याही का संघर्ष’ (इमरजेंसी के दौरान की पत्रकारिता), आनंद पटवर्धन का जेपी आंदोलन पर बना वृत्तचित्र ‘वेव्स ऑफ रिवोल्यूशन’ (क्रांति की लहरें) का विशद विवरण, ‘धनबाद पत्रकार उत्पीड़न कांड’ और ‘मुट्ठी से सरकती रेत’ (विनोदजी के साथ ‘प्रभात खबर’ की यात्रा) पहली बार प्रकाश में आ रहे हैं|
परिशिष्ट को संदर्भ की दृष्टि से समृद्ध किया गया है, जिससे आम आदमी के साथ पत्रकारों और शोधार्थियों को समझने के लिए व्यापक संदर्भ मिलें| पिछले दो दशक में मीडिया में आए बदलाव की चर्चा भी इसमें हैं और ईस्ट इंडिया कंपनी पर नई सामग्री भी है| यथासंभव जरूरी आँकड़े और सूचियाँ भी इसमें शामिल की गई हैं|
मीडियाकर्मियों के साथ-साथ पत्रकारिता के विद्यार्थी, शोधार्थी एवं पत्रकारिता के इतिहास में रुचि रखनेवाले पाठकों के लिए एक जानकारीपरक पुस्तक|
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