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Genre
Print Length
162 pages
Language
Hindi
Publisher
Prabhat Prakashan
Publication date
1 January 2010
ISBN
8188266450
Weight
325 Gram
बँगला में सुविख्यात यह उपन्यास उन लोगों की व्यथा-कथा है, जिनकी जन्मभूमि तो विदेश है, लेकिन मातृभूमि भारत है| वहाँ जनमे बच्चों की समस्याएँ कुछ अलग हैं| अपनी जड़ों से उखड़कर विदेश में जा बसे बच्चों के सामने एक ओर तो विदेशों का स्थूल आकर्षण, वहाँ का वातावरण, वहाँ की संस्कृति व परंपराएँ उन पर अपना प्रभाव डाल रही हैं, दूसरी ओर उन्हें अपने माता-पिता से यह शिक्षा मिलती है कि उनका देश भारत है| वहाँ की संस्कृति ही उनकी अपनी संस्कृति है|
अमेरिका और भारत-दोनों देशों की पृष्ठभूमि समेटे इस उपन्यास के सभी चरित्र बेहद सजीव और वास्तविक लगते हैं|
विभिन्न मानवीय संबंधों की उलझनों का विश्लेषण| मानव चरित्र के उन तंतुओं पर प्रकाश, उन पर करारा आघात, जो जिंदगी के ताने-बाने को जटिल बनाते हैं| अत्यंत रोचक एवं पठनीय उपन्यास|
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