जागो ग्राहक, जागो’ पुस्तक में सामान्य उपभोक्ताओं को उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 1986 में प्रदत्त उपभोक्ता के अधिकारों के विषय में सरल एवं स्पष्ट भाषा में जानकारी दी गई है| जहाँ एक ओर लेखक ने उपभोक्ता की समस्याओं का विवरण दिया है, वहीं दूसरी ओर उसकी अधिकांश समस्याओं का सहज समाधान भी दिया है| विभिन्न दोषयुक्त सेवाओं/वस्तुओं को उदाहरणों द्वारा दरशाया गया है और उनके समाधान संबंधी कुछ प्रमुख निर्णयों को भी पुस्तक में जगह दी गई है| चूँकि लेखक स्वयं पश्चिम बंगाल सरकार में उपभोक्ता विषयक विभाग के प्रधान सचिव रह चुके हैं, उन्होंने पुस्तक में उपभोक्ता के हितार्थ सरकार द्वारा चलाए जा रहे विभिन्न कार्यक्रमों, जागरूकता संबंधी प्रयासों एवं उपभोक्ता संबंधी विधिक पेचीदगियों का सुंदर समन्वय किया है| जागरूक उपभोक्ता ही उपभोक्ता आंदोलन का सजग प्रहरी है| पुस्तक की सहज और सरल भाषा तथा चित्रांकन सामान्य उपभोक्ताओं को अपनी ओर आकर्षित करनेवाला है| इसका अनुसरण करके सामान्य उपभोक्ता भी अपने अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति सजग होकर अपने अधिकारों के लिए लड़ सकता है| उपभोक्ता के कल्याण में कार्यरत न्यायिक संगठनों, सरकारी अधिकारियों, कर्मचारियों, स्वयंसेवी संगठनों, उपभोक्ताओं एवं विद्यार्थियों में ही नहीं, आम पाठकों के लिए समान रूप से उपयोगी पुस्तक|
Jago Grahak, Jago (जागो ग्राहक जागो)
Price:
$
7.78
Condition: New
Isbn: 9789350480496
Publisher: Prabhat Prakashan
Binding: Hardcover
Language: Hindi
Genre: Other,
Publishing Date / Year: 2014
No of Pages: 127
Weight: 280 Gram
Total Price: $ 7.78
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