ग्राहक की खुशी को सुनिश्चित करना या यूँ कहें कि ग्राहक की संतुष्टि उसके प्रति उत्तरदायित्व का मूल तत्त्व है| जिस व्यवसाय में ग्राहक के प्रति जितना ज्यादा उत्तरदायित्व होगा, वह व्यवसाय उतना ही अधिक सफल होगा| इसलिए ग्राहकों की बात सुनिए, अपने उनकी इज्जत कीजिए, उनकी जरूरतों का आदर कीजिए, उनसे मिले अनुभवों पर ध्यान (आलोचना नहीं) दीजिए, उनकी प्रशंसा कीजिए कि आप उनकी वजह से ही यहाँ हैं, और सबसे अधिक महत्त्वपूर्ण बात कि नम्र बनिए, तब आप किसी भी व्यवसाय के लिए ‘श्रेष्ठ व्यक्ति’ हैं| यह पुस्तक सलाह देती है कि अपने ग्राहकों की आवश्यकताओं और दुविधाओं के प्रति मित्रतापूर्ण व्यवहार प्रदर्शित कीजिए| ग्राहक की अधिक खुशी के लिए कम वादे करें और अधिक काम करें| महात्मा गांधी ने भी कहा था कि ‘ग्राहक भगवान् का रूप होता है|’ व्यवसाय की सफलता भी इसी ग्राहक-रूपी भगवान् की मुसकान में छिपी है| सरल-सुबोध भाषा में ग्राहकों/कस्टमर्स को खुश करके व्यावसायिक उन्नति के मूलमंत्र बताती एक रोचक एवं पठनीय पुस्तक|
Grahakon Ko Khush Rakhna Seekhen (ग्राहकों को खुश रखना सीखें)
Author: Pramod Batra (प्रमोद बत्रा)
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7.78
Condition: New
Isbn: 9788173158933
Publisher: Prabhat Prakashan
Binding: Hardcover
Language: Hindi
Genre: Business and Management,
Publishing Date / Year: 2010
No of Pages: 111
Weight: 250 Gram
Total Price: $ 7.78
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