$10.31
Genre
Print Length
168 pages
Language
Hindi
Publisher
Prabhat Prakashan
Publication date
1 January 2013
ISBN
9788177212235
Weight
310 Gram
जंगल में बहती हुई नदी की तरह है रेणु की कविता-यात्रा| जिस तरह जंगल में बहती नदी अवरोधों-विरोधों की परवाह किए बिना अपना मार्ग स्वयं बना इठलाती रहती है, इसी तरह इस संकलन की रचनाएँ भी कवयित्री के स्वाभाविक और अनुभूतिजन्य उद्गार हैं|
-रजनीश त्रिवेदी ‘आलोक’
देहरादून
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