$7.78
Genre
Print Length
112 pages
Language
Hindi
Publisher
Prabhat Prakashan
Publication date
1 January 2011
ISBN
9789380183404
Weight
230 Gram
काव्य मानव जीवन का उत्सव है और प्रकृति काव्य की आत्मा| बिना प्रकृति के मानव का जीवन अपंग जैसा ही है| मानव केवल चेतनता के साथ ही जन्म नहीं लेता, वरन् वह जड़ व चेतन दोनों की अनुपम देन है| प्राचीनकाल से ही प्रकृति मानव जीवन में रची-बसी है| प्राकृतिक सौंदर्य मानव को अलौकिक आनंद प्रदान करता है|
प्रकृति के विभिन्न उपादान, यथा-रात्रि, प्रभात, पुष्प, पक्षी, जल, अंधकार, प्रकाश, समुद्र, शिला, सुगंध आदि कितने रूपों में हमारे सामने अपनी स्नेहमयी छाया बिखेरे हुए हैं| सब अपने में कितने अलौकिक गुण सहेजे हुए हैं| इनको अलग-अलग महसूस करने पर कुछ भाव मन में उठे, जो स्वतः शब्दों में ढल कविता का चोला पा गए|
इन कविताओं में विभिन्न क्षणों के विभिन्न रंग हैं| देशभक्ति का रंग है तो देश की दुर्दशा पर विलाप भी| अंतर से निकली सहानुभूति भूखे, नंगे से तादात्म्य स्थापित करने में सक्षम है| ‘अभिनव संग्रह’ की कविताएँ हृदयस्पर्शी होने के साथ-साथ विचारोत्तेजक भी हैं| भाषा भावों एवं विचारों का अनुगमन करती है| सहज भाषा में बड़ी बात कही गई है| प्रतीकों का भी प्रयोग हुआ है| विश्वास है, हिंदी जगत् में इस कविता संकलन का भरपूर स्वागत होगा|
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