Dar Ke Aage Jeet Hai (डर के आगे जीत है)

By Gaurav Krishan Bansal (गौरव कृष्ण बंसल)

Dar Ke Aage Jeet Hai (डर के आगे जीत है)

By Gaurav Krishan Bansal (गौरव कृष्ण बंसल)

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Specifications

Print Length

144 pages

Language

Hindi

Publisher

Prabhat Prakashan

Publication date

1 January 2015

ISBN

9789380183527

Weight

290 Gram

Description

डर के आगे जीत है-गौरव कृष्ण बंसलहर व्यक्‍ति जीतना चाहता है-छात्र जीवन में परीक्षाओं में प्रथम स्थान पाना, नौकरी-व्यवसाय में बेहतर अवसर पाना, किसी भी स्पर्धा में विजयी होना-यानी हर समय केवल अधिक सफल होना ही मानव स्वभाव है|
पर इस जीत को पाने के लिए किन चुनौतियों का कब कैसे मुकाबला किया जाए, यह समझना आसान नहीं है| सबसे जरूरी है अपने विवेक को जाग्रत् रखकर धैर्य, लगन और आत्मविश्‍वास से कार्य किए जाएँ| एक बार हारने पर आत्मविश्‍वास के साथ पुनः उठ खड़ा होना ही जीत की ओर एक बड़ा कदम है| घोड़े से गिरकर घोड़े पर फिर चढ़कर अपनी मंजिल पर पहुँचना ही श्रेयस्कर है|
यह पुस्तक उस जीत को पाने के मूल मंत्र बताती है| इसमें कुछ महान् हस्तियों अब्राहिम लिंकन, स्टीफन हॉकिंग, लाल बहादुर शास्‍‍त्री और थॉमस अल्वा एडिसन आदि की जीवनी द्वारा यह बताने की चेष्‍टा की गई है कि तमाम विषम परिस्थितियों के बावजूद उन्होंने पक्के इरादे और अथक प्रयास द्वारा दुनिया में वह स्थान हासिल किया, जिसके लिए उन्हें आज भी याद किया जाता है और हमेशा याद किया जाएगा|
प्रस्तुत पुस्तक में लेखक ने स्वयं के अनुभव से सूत्रों द्वारा जीत और उसके लिए जरूरी जुनून को बताने का सफल प्रयास किया है|


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