स्वतंत्र भारत के प्रथम गृहमंत्री और 'लौह पुरुष' की उपाधि प्राप्त सरदार पटेल कांग्रेस के एक प्रमुख सदस्य थे| पूर्ण स्वराज्य प्राप्त करने के उद्देश्य से स्वतंत्रता आदोलन में उन्होंने महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई | उनके संपूर्ण राजनीतिक जीवन में भारत की महानता और एकता ही उनका मार्गदर्शक सितारा रहा| सरदार पटेल दो समुदायों के बीच आंतरिक मतभेद उत्पन्न करके 'बाँटो और राज करो' की ब्रिटिश नीति के कट्टर आलोचक थे| भारत की एकता को बनाए रखना उनकी सबसे बड़ी चिंता थी| लॉर्ड माउंटबेटन ने 3 जून, 1947 को अपनी योजना घोषित की| इसमें बँटवारे के सिद्धांत को स्वीकृति दी गई| इस योजना को कांग्रेस और मुसलिम लीग ने स्वीकार किया| सरदार पटेल ने कहा कि उन्होंने विभाजन के लिए सहमति इसलिए दी, क्योंकि वह विश्वसनीय रूप से समझते थे कि '(शेष) भारत को संयुक्त रखने के लिए इसे अब विभाजित कर दिया जाना चाहिए| ' सरदार पटेल के विस्तृत पत्राचार के आधार पर प्रस्तुत पुस्तक में भारत विभाजन किन परिस्थितियों में और किन-किन कारणों से हुआ, भारतीय नेताओं की मनःस्थिति तथा तत्कालीन समाज की मन :स्थिति का साक्ष्यों के प्रकाश में विस्तृत वर्णन किया गया है | भारत विभाजन के काले अध्याय का सप्रमाण इतिहास वर्णित करती एक महत्त्वपूर्ण पुस्तक|
Bharat Vibhajan (भारत विभाग)
Author: Sardar Patel (सरदार पटेल)
Price:
$
14.22
Condition: New
Isbn: 9788173158735
Publisher: Prabhat Prakashan
Binding: Hardcover
Language: Hindi
Genre: Other,
Publishing Date / Year: 2013
No of Pages: 222
Weight: 440 Gram
Total Price: $ 14.22
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