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Jeevan Beema: Kyun Aur Kaise? (जीवन बीमा: क्यों और कैसे?)

Price: $ 13.98

Condition: New

Isbn: 9789380186887

Publisher: Prabhat Prakashan

Binding: Hardcover

Language: Hindi

Genre: Other,

Publishing Date / Year: 2014

No of Pages: 136

Weight: 345 Gram

Total Price: $ 13.98

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हममें से हरेक ने अपने जीवन में या तो स्वतः या दूसरों के अनुभवों से अपने चहेतों की अचानक मृत्यु और सदमे की इस घबराहट का अनुभव किया है| वह हमारे मित्रों, संबंधियों और अपरिचितों में से कोई भी हो सकता है| एक खुशहाल परिवार में रोजी कमानेवाला व्यक्‍ति पत्‍नी के अच्छे जीवन, बच्चों की शिक्षा, विवाह, जीवन की शुरुआत और परिवार का यदि कोई ऋण हो तो उसके लिए एक आशा और ‌सुन‌िश्‍च‌ितता होती है| उसकी अनुपस्थिति में ये आशाएँ एक बड़ा प्रश्‍नचिह्न बन जाती हैं| जीवन बीमा एक ऐसा सशक्‍त माध्यम है, जो आवश्यकता के समय परिवार की आर्थिक सुरक्षा की गारंटी प्रदान करता है| इस पुस्तक का एकमात्र उद‍्देश्‍य जीवन बीमा को इसके बीमांकन या वित्तीय रूप में देखना नहीं है, बल्कि इसके कानूनी पहलुओं को सामने लाना है, ताकि यह लाखों पॉलिसीधारकों को उनकी आवश्यकता के समय बिना किसी परेशानी के इसके लाभ को प्राप्‍त करने और जिस उद‍्देश्‍य के साथ बीमा लिया गया है, उसको पूरा करने की सुन‌िश्‍च‌ितता के लिए एक पथ-प्रदर्शक के रूप में सेवा प्रदान करे| बीमा संबंधी समस्त जानकारी से परिपूर्ण एक उपयोगी पुस्तक| अंतिम आवरण पृष्‍ठ जीवन बीमा एक आवश्यकता है, जो कि जरूरत है समय वित्तीय सुरक्षा की सुन‌िश्‍च‌ितता प्रदान करती है; परंतु यदि इसके नियम व शर्तों को नहीं समझा जाता या उनका पालन नहीं होता है तो यह भले के बजाय बुरा अधिक कर सकती है| लेखक ज्ञानसुंदरम कृष्णमूर्ति, पूर्व अध्यक्ष, भारतीय जीवन बीमा निगम ने जीवन बीमा और इसके दावों से जुड़े कानूनी पहलुओं का मुकदमों के अध्ययन द्वारा सोदाहरण विवेचना की है| पुस्तक पथ-प्रदर्शक के रूप में-