Samartha Bharat (समर्थ भारती)

By Prabhat Jha (प्रभात झा)

Samartha Bharat (समर्थ भारती)

By Prabhat Jha (प्रभात झा)

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Specifications

Print Length

223 pages

Language

Hindi

Publisher

Prabhat Prakashan

Publication date

1 January 2011

ISBN

9788173157318

Weight

400 Gram

Description

सुविदित है कि भारत सोने की चिड़िया कहलाता था | जब विश्‍व के अधिकांश देश पिछड़े हुए थे तब भारत समृद्ध राष्‍ट्र था | अंग्रेजों के शासन से पूर्व यह विश्‍व के धनी राष्‍ट्रों में से एक था |
विडंबना है कि आज भारत अनेक चुनौतियों से जूझ रहा है | गरीबी, बेरोजगारी, भ्रष्‍टाचार, जातिवाद, क्षेत्रवाद, वंशवाद, बालश्रम, भुखमरी, कुपोषण, किसानों की| आत्महत्या, धर्मांतरण, घुसपैठ, अशिक्षा, शिक्षा का व्यवसायीकरण, नक्सलवाद, आतंकवाद, बेलगाम महँगाई से देश की स्थिति भयावह हो रही है | इनका मूल कारण रहा कि हम पाश्‍चात्य देशों की अंधी नकल करने में लगे रहे, जबकि हमें अपने देश की समस्याओं का समाधान अपनी माटी में ही तलाशना चाहिए था |
पर इतिहास साक्षी है कि अनेक झंझावातों को झेलने के बाद भी भारत समर्थ सिद्ध हुआ है | मंदी के दौर में जहाँ दुनिया के विकसित राष्‍ट्र भी लड़खड़ा गए वहीं हा चट्टान की भांति अडिग रहे |
सन् 2020 में समृद्धशाली भारत का सपना तभी साकार हो सकता है, जब हम पाश्‍चात्य देशों की नकल छोड़कर अपनी ही प्रकृति के अनुसार विकास प्रक्रिया को आगे बढ़ाएँ व भारत को पश्‍च‌िम की कार्बन कॉपी बनाने की बजाय भारत ही रहने दें |
समर्थ भारत में संकलित हैं-
शिक्षा, स्वास्थ्य, रक्षा, चिकित्सा, राजनीति विधि तथा अन्य सामाजिक क्षेत्रों के विश‌िष्‍ट महानुभावों के व्यापक अनुभव से भारत की सामर्थ्य और शक्‍त‌ि को रेखांकित करते मार्गदर्शक एवं प्रेरणाप्रद लेख |


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