$10.86
Genre
Other
Print Length
168 pages
Language
Hindi
Publisher
Prabhat Prakashan
Publication date
1 January 2013
ISBN
9788173158551
Weight
350 Gram
आज भारत विश्व-पटल पर अपनी एक विशिष्ट पहचान बना चुका है| प्रगति के पथ पर सरपट दौड़ती भारत की अर्थव्यवस्था लोगों को चकित कर रही है| आधारभूत ढाँचा निरंतर बेहतर हो रहा है, विकास का सूर्य चमक रहा है| आर्थिक मंदी के दौर में भी भारत का विकास-क्रम जारी रहा है| सुप्रसिद्ध अर्थ-चिंतक और नीतिज्ञ एस. गुरुमूर्ति का दृढ़ विश्वास है कि यह समय भारत के सूर्योदय का है| भारत हर क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है-अतीत के अंधकार से निकलकर एक नया चमकता प्रकाश देखने के लिए| उनका मानना है कि बड़ी हैरानी की बात है कि भारत जिस तेजी से विकास कर रहा है, उसका हम भारतीयों को पूरा ज्ञान नहीं है| प्रस्तुत पुस्तक में उनके विचारशील चिंतन से भारत की सामाजिक-आर्थिक दशा-दिशा और व्यावहारिक कठिनाइयों तथा उनसे उबरने का मार्ग निकलता है| भारत के उज्ज्वल एवं स्वर्णिम भविष्य का मार्ग प्रशस्त करती चिंतनपरक पुस्तक|
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