$18.27
Genre
Print Length
380 pages
Language
Hindi
Publisher
Prabhat Prakashan
Publication date
1 January 2009
ISBN
9789380186634
Weight
580 Gram
जीरो परसेंटाइल’ पंकज के दो बिलकुल ही अलग देशों-भारत और रूस के मन को लुभा देनेवाले रोमांच भरे किस्सों का रोचक वर्णन है| एक प्रतिभाशाली छात्र पंकज ने कभी कल्पना भी नहीं की थी कि वह विकट समस्याओं के दलदल में भी फँस सकता है| अपने मित्रों-मोटू और प्रिया-के साथ उसका जीवन कितना मस्त था| हमेशा आई.आई.टी. का सपना देखनेवाले पंकज को एक निर्मम घटना ऐसी जगह पहुँचा देती है, जिसका उसने कभी नाम भी नहीं सुना था-वोल्गोग्राड, जो द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान रूस में हिटलर के हमले को रोकने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए 'हीरो सिटी' नाम से जाना जाता था| अपने पिता की मृत्यु के बाद वह अत्यधिक महँगे नए-नए पूँजीवादी बने रूस में अपने आपको बनाए रखने का संघर्ष करता है| उसके सीनियर, जिन्हें वह 'भगवान्’ समझता है, अप्रत्याशित रूप से उसके दुश्मन बन जाते हैं और स्थानीय माफिया के जरिए उसे बरबाद करने की कोशिश करते हैं| एक लौह पुरुष की तरह वह सारी मुसीबतों से लड़ते हुए विजेता बनकर उभरता है और अंतत: प्यार के सामने घुटने टेक देता है| मनोरंजन के साथ-साथ जोश एवं प्रेरणा जगानेवाली एक अनुपम कृति|
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