$13.12
Genre
Print Length
216 pages
Language
Hindi
Publisher
Prabhat Prakashan
Publication date
1 January 2015
ISBN
9789381063521
Weight
360 Gram
प्रस्तुत संकलन ‘उठ जाग मुसाफिर’ के ललित-निबंधों में पग-पग पर पाठकों को उल्लास-उमंग भरी शब्द-सुगंध का प्रसार मिलेगा, और वह भी वैचारिक छुअन के साथ| सृजित ललित-प्रसार अनुरंजन के साथ-साथ टूटते-बिखरते और सिमटते हताश जनों को जीने के प्रति आश्वस्त करता है| कसौटी है तृप्ति की, जो पाठकों को भरपूर रूप में मिलेगी| देश-काल और जीवन-दर्शन के साथ अपनी कृषि-संस्कृति, अपनी जमीन, गाँव-घर और इनसे जुड़े हुए पर्यावरणीय संदेश, संबंधित चिंतन-मंथन कृति को गंभीरता प्रदान करते हैं| आस्था, सकारात्मक भाव और सुलझाव रचनाओं के केंद्रीय भाव-तत्त्व हैं| इन्हीं के साथ चलकर लेखक अपने प्रिय गाँवों की विस्तार से सुधि लेता है| आकर्षण में विवश होकर पाठक को भी उसके साथ कदम-से-कदम मिलाकर चलना पड़ता है| आप भी आमंत्रित हैं| विश्वास है कि पठनानंद से आपकी झोली भर जाएगी!
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