$12.20
Genre
Print Length
220 pages
Language
Hindi
Publisher
Prabhat Prakashan
Publication date
1 January 2012
ISBN
9789350484043
Weight
370 Gram
बच्चे-बड़े, विद्यार्थी-शिक्षक, स्त्री-पुरुष-सभी को कहानियाँ पसंद होती हैं| हर कहानी में पढ़नेवाला अपने आपको ढूँढ़ता है, खोजता है कि कहानी का कोई पात्र या घटना उसके जीवन से जुड़ी तो नहीं|
प्रस्तुत पुस्तक ‘वाह जिंदगी, वाह!’ ऐसी ही 333 कहानियों का संकलन है, जो आपके जीवन से जुड़ी हैं|
यह सीखों, नीतिकथाओं, सत्यों और बुद्धिमत्ता की पुस्तक है| यह पुस्तक कॉलेज के विद्यार्थियों, माता-पिता, दादा-दादी, नाना-नानी और उस किसी भी व्यक्ति द्वारा अवश्य पढ़ी जानी चाहिए, जो जिंदगी की धूप-छाँव और लुका-छिपी के खेल से निराश हो जाता है; उसके मन में एक आशावाद जगाकर उसके जीवन में आमूलचूल परिवर्तन करने की क्षमता रखती है यह पुस्तक|
जीवन के सुख-दुःख, लाभ-हानि, उन्नति-अवनति और हर रंग की छटा लिये इन प्रेरणाप्रद-रोचक कहानियों को पढ़कर आप बरबस ही कह उठेंगे-‘वाह जिंदगी, वाह!’
0
out of 5