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Specifications

Print Length

232 pages

Language

Hindi

Publisher

Prabhat Prakashan

Publication date

1 January 2014

ISBN

8173153884

Weight

390 Gram

Description

अपने देश के सामाजिक और राजनीतिक चरित्र का जो भी अच्छा स्वरूप आज हमें दिखाई देता है उसके लिए जिन महापुरुषों की ध्येय-दृष्‍ट‌ि और उदात्त जीवनादर्श प्रेरक रहे हैं, उनमें डॉ. आंबेडकर का स्थान अग्रिम पंक्‍त‌ि में है | उनके लिए परिस्थिति अत्यंत प्रतिकूल थी | जन्म ऐसी जाति में हुआ था, जो जाति- प्रथा की श्रेष्‍ठ कनिष्‍ठतावाली रचना में निम्न स्तर पर थी | किसी के लिए भी उन कंटीले बंधनों से बाहर निकलना आसान नहीं था | डॉ. आंबेडकर की महिमा यह हें कि वे इन कँटीले बंधनों को तोड़कर बाहर निकले | इतना ही नहीं, उन्होंने तो अपने समाज-बांधवों को बंधनों से मुक्‍त होने का रास्ता भी बताया-और केवल बताया ही नहीं, अपने आचरण से उसे प्रशस्त भी बनाया | डॉ. आंबेडकर की जीवन-गाथा को अनेक भाषाओं में अनेक लेखकों द्वारा लिपिबद्ध किया गया है | उन सबका अपना महत्व है | भविष्य में भी नए लेखक उनके लंबे जीवन के विभिन्न पहलुओं को नई दृष्‍ट‌ि से देखेंगे और उस दृष्‍ट‌ि को शब्द- सृष्‍ट‌ि में बदलने का प्रयास करेंगे | श्री अग्निहोत्री ने डॉ. आबेडकर को उनके जीवन काल में घटित घटनाचक्र के रूप में प्रस्तुत किया है | इस जीवनचरित की उल्लेखनीय विशेषता यह है कि यह घटनाओं का संकलन मात्र नहीं है और न यह मात्र जीवनवृत्त ही है | यह डॉ. आंबेडकर के विराट‍् व्यक्‍त‌ित्व और कालजयी कृतित्व को उपन्यास की शैली में सरल तथा सुबोध भाषा के माध्यम से सामान्य पाठकों तक पहुँचाने का अर्थपूर्ण प्रयास है |


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