$4.07
Print Length
270 pages
Language
Hindi
Publisher
Navajivan Trust
Publication date
1 January 2013
ISBN
9788172290047
स्व-धर्म' के तत्व का पालन करते हुए हमारे आश्रम ने सब धर्मो और पन्थो के प्रति आदर रखने का व्रत लिया है। उसके अनुसार आश्रम में उभय संध्याकाल को जो उपासना या प्रार्थना की जाती है उसका यह संग्रह है। आश्रम का जीवन जैसा समृद्ध होता गया, वैसा यह भजन-संग्रह भी बढ़ता गया है। हम प्रार्थना करते है की हमारी यह वाङ्मयी उपासना प्रभु को प्रिया हो।
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