$7.85
Print Length
192 pages
Language
Hindi
Publisher
Prabhat Prakashan
Publication date
1 January 2020
ISBN
9789386300171
Weight
0.82 Pound
यह सब तब आरंभ हुआ, जब सरिता तँवर ने मुझसे पूछा कि क्या मैं उसके समाचार-पत्र के लिए एक मजाकिया साप्ताहिक स्तंभ लिखना चाहूँगी। उसने दो-टूक शब्दों में कहा, ‘तुम छिछोरे किस्म के चुटकुले सुनाती हो और लगातार पढ़ती ही रहती हो। मुझे पूरा यकीन है कि तुम लिख सकती हो।’
मैंने उसे समझाना चाहा कि लाखों लोग लगातार क्रिकेट का मैच देखते हैं तो इसका मतलब यह नहीं कि वे सभी इस खेल में भी माहिर होंगे। पर उसने मुझे टोकते हुए कहा कि कम-से-कम शुरुआत तो की जाए, उसके बाद जो होगा, देखा जाएगा।
मैं लेखन के बारे में सही मायने में क्या जानती हूँ? मेरी किशोरावस्था में लिखी गई एक अधूरी किताब की स्मृति आँखों के आगे कौंध गई। इसके साथ ही एक फाइल भी याद आई, जिसमें मौत और अपनी सनक से जुड़ी सारी भयानक कविताएँ दर्ज हैं। मेरे पूरे लेखन-अनुभव को इसमें ही सँजोया जा सकता है।
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