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Genre
Print Length
98 pages
Language
Hindi
Publisher
Manjul Publication
Publication date
1 January 2024
ISBN
9789355435941
Weight
0.40 Pound
राष्ट्रीय और आध्यात्मिक चेतना का जीवंत दस्तावेज - झूठ की पतंग ओम प्रकाश शुक्ल जी की कृति 'झूठ की पतंग' एक ऐसा काव्य संग्रह है जिसमें श्री शुक्ल ने अपने जीवनानुभवों को अपनी भावमसी देकर कागजों पर उतारा है। मूलतः यह सभी रचनाएं द्वंद्व की दिखाई देती हैं किंतु इनके भीतर की आर्द्रता आपको हर पल भिगोएगी। वह एकदम निर्भय होकर अपने हृदय की बात कहते हैं और पूरी निष्ठा के साथ अपनी आध्यात्मिक मान्यताओं को भी स्वर देते जाते हैं। इतना ही नहीं, उनकी राष्ट्रीय चेतना विश्व गुरु जैसी कविताओं में उफन कर बाहर आती नजर आती है। वह अपने राष्ट्र को हर दृष्टि से शक्तिशाली देखना चाहते हैं। उन्हें देश का एक भी अंग कमजोर होना स्वीकार नहीं। मैं उनकी इस राष्ट्रभक्ति और धार्मिक चेतना से ओतप्रोत लेखनी को प्रणाम करता हूँ। मेरी अनंत शुभकामनाएं। - डॉ. विकास दवे, निदेशक, साहित्य अकादमी, मध्यप्रदेश शासन, भोपाल
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