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Genre
Print Length
144 pages
Language
Hindi
Publisher
Manjul Publication
Publication date
1 January 2024
ISBN
9789355437891
Weight
0.50 Pound
मेरा लगाव प्रबुद्ध की अनूठी व गहन सोच के अलावा उनके सरल स्वभाव के कारण भी है. यही सरलता बड़ी बड़ी बातें सहजभाव से कह जाती है. प्रबुद्ध का सूर्य स्वयं उदीयमान है और मुझे विश्वास है कि इनका इलाक़ा भले ही जुगनू का रहे, मगर प्रकाश सदा सूर्य की भांति रहेगा. - सोनू निगम (पार्श्वगायक) प्रबुद्ध के शब्दों व देसीपना उसके मिट्टी से जुड़े होने का इशारा देता है और कहन का अंदाज उसके द्वारा अर्जित शायरी की गहराई का अंदाजा बताता है। यह गहराई उसने लगन, मेहनत और शिद्दत से कमाई है और मैं उसकी शिद्दत के एक हिस्से का चश्मदीद रहा हूँ। जब तक प्रबुद्ध जैसी जगाने वाली आवाजें मौजूद हैं, सियासत हमें कितनी भी अफ़ीम सुंघा ले, हम बदगुमानी की नींद सोने वाले नहीं हैं। - मनोज मुन्तशिर (लेखक एवं गीतकार) इंडियन आइडल के मंच पर जब गीतकार मनोज मुन्तशिर जी ने प्रबुद्ध की पंक्तियाँ सुनाई तो मैं अंदर से हिल गया। प्रबुद्ध को सुन कर अत्यंत खुशी होती है कि आज के परिदृश्य में भी एक ऐसा लेखक और शायर है जो इस तरह का लेखन कर रहा है, जिसकी देश को बहुत जरूरत है। अंधेरे वक़्त में आशा को जीवित रखने वाली पंक्तियों से मैं बहुत प्रभावित हुआ। ऐसे लेखन को सहेजे जाने की आवश्यकता है। प्रबुद्ध सौरभ को अनंत शुभकामनाएं! -विशाल ददलानी (संगीतकार) प्रबुद्ध एक ऐसा शायर है जो बड़े दम के साथ अपनी बात लिखता है और बड़े दम के साथ अपनी बात कहता है। वो एक अलग ज़हनियत का शायर है जिसके कहने का अंदाज़ निराला है। प्रबुद्ध जिस अंदाज़ से अपनी बात कहता है, उसे पढ़ कर आपको आनंद भी आता है और सोचने का अवसर भी मिलता है। उसे उसके पहले संकलन और आगे की यात्रा के लिए शुभकामनाएँ। - शैलेश लोढ़ा (कवि एवं अभिनेता)
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