Geetamritam: Avasad Se Antervijay Ki Oar (गीतामृतम्: अवसाद से अंतर्विजय की ओर)

By Dr. Suresh Chandra Sharma (डॉ. सुरेशचन्द्र शर्मा)

Geetamritam: Avasad Se Antervijay Ki Oar (गीतामृतम्: अवसाद से अंतर्विजय की ओर)

By Dr. Suresh Chandra Sharma (डॉ. सुरेशचन्द्र शर्मा)

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Specifications

Print Length

362 pages

Language

Hindi

Publisher

Manjul Publication

Publication date

1 January 2024

ISBN

9789355433602

Weight

0.98 Pound

Description

सामान्य रूप से गीता की व्याख्या श्लोकों के अर्थ के विस्तार के रूप में की जाती है। इससे प्रत्येक श्लोक एकाकी हो जाता है व गीता, विभिन्न विचारों का गुलदस्ता, जिसमें प्रत्येक फूल का रूप, रंग और गंध एक-दूसरे से अलग है, लगने लगती है। इसलिए गीता को समझने में पाठक भ्रमित हो जाता है। इस पुस्तक में गीता में बह रही प्रगतिशील अंतर्धारा को स्पष्ट किया गया है। इससे गीता विभिन्न पुष्पों का गुलदस्ता नहीं बल्कि नदी की धारा दिखाई देती है जिसमें लहरें, भँवर, प्रपात तो हैं परन्तु उनमें व्याप्त, उनका आधार, जल स्पष्ट दिखाई देने लगा है। गीता उस नदी के रूप में प्रस्तुत हुई है जो सामान्य जीवन के विषाद रूपी उद्गम से प्रारंभ होकर दिव्य जीवन के महासागर तक की यात्रा कराती है। इसके लिए पूरी गीता की व्याख्या, विषय के अनुसार, 4 से 10 श्लोकों के समूह को एक उपशीर्षक देकर की गई है। ऐसे विभिन्न उपशीर्षकों को एक शीर्षक के अंदर लाया गया है जो एक अध्याय को स्पष्ट कर देते हैं। विभिन्न अध्यायों के बीच अंतर्सम्बन्ध समझाते हुए स्पष्ट कर दिया गया है कि गीता, प्रथम से अठारहवें अध्याय तक गीतोक्त साधना के प्रगतिशील स्तर बताती है। इस प्रकार गीता सामान्य जीवन से दिव्य जीवन तक की यात्रा की मार्गदर्शिका बन गई है।


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