धर्मपुत्र मनुष्य की अस्मिता के बारे में मूल प्रश्न उठाता है-क्या किसी इंसान का अस्तित्व इस बात पर निर्भर है कि वह किस परिवार में जन्मा या उसे किस प्रकार की शिक्षा संस्कार दिए गए या फिर इंसान की अस्मिता धर्म, शिक्षा और संस्कारों से परे इंसानियत से जुड़े जीवन-मूल्य से है। यह कहानी है हिन्दू और मुसलमान परिवार की जिनका आपस में प्रेम भरा संबंध है। मुस्लिम परिवार की जवान लड़की की नाजायज़ औलाद को हिन्दू परिवार अपना लेता है और हिन्दू संस्कारों से उसका पालन-पोषण करता है। जवान होते-होते यह लड़का कट्टर हिन्दू बन जाता है और उसकी धारणा है कि मुसलमानों को भारत छोड़ देना चाहिए। इसी दौरान उसे अपनी जन्म देनेवाली मां की सच्चाई का पता चलता है। मां और बेटे के आपसी संबंध होने के बावजूद वे नदी के दो अलग-अलग किनारों की तरह खड़े हैं और बीच में घृणा और अविश्वास की सुलगती नदी बह रही है। मशहूर फिल्म-निर्माता यश चोपड़ा ने 1961 में इस उपन्यास पर इसी नाम से फिल्म बनाई थी जो बहुत ही लोकप्रिय हुई थी।
Dharmaputra (धर्मपुत्र)
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₹
215.00
Condition: New
Isbn: 9789386534279
Publisher: Rajpal and sons
Binding: Paperback
Language: Hindi
Genre: Fiction,Literature and Language,
Publishing Date / Year: 2021
No of Pages: 160
Weight: 240 Gram
Total Price: ₹ 215.00
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