₹375.00
MRPGenre
Novels & Short Stories
Print Length
736 pages
Language
Hindi
Publisher
Rajpal and sons
Publication date
1 January 2015
ISBN
9788170284925
Weight
290 Gram
बिमल मित्र सुप्रसिद्ध सफल उपन्यासकार है और 'मुजरिम हाजिर' में उनकी औपन्यासिक कला ने यह चरम उत्कर्ष पाया है कि यह उपन्यास सहज ही एक महान महाकाव्य की श्रेणी से आ जाता है । बंगला के सर्वाधिकार लोकप्रिय उपन्यासकार बिमल मित्र का यह उपन्यास 'आसामी हाजिर' नाम से बंगला में दो वर्ष तक धारावाहिक प्रकाशित होता रहा है । इसके बाद इसका रंगमंचीय रूपान्तर भी कई वर्षों तक लगातार प्रदर्शित होता रहा है । बिमल मित्र ने इसमें चरित्रनायक सदानन्द के माध्यम से हमें सामाजिक जीवन के रन्ध्र-रन्ध्र से फैली दुर्नीति, दुराचार, ग्लानि और अन्याय को आँखों में उंगली डालकर दिखाया है । लेकिन उनकी दृष्टि केवल अन्धकार की ओर नहीं रही है, उनके "सक्रिय भलेमानुस' सदानन्द ने "दिव्य प्रेम की पावन जोत' भी हाथ में ले रखी है और इस तरह उपन्यासकार ने प्रखर प्रकाश की ओर भी देखा है । सदानन्द की चरित्रगाथा में उन्होंने स्तर-स्तर में विन्यस्त सामाजिक संकट को जिस अद्भुत कौशल से उभारा है, विश्व-स्तर के किसी भी उपन्यासकार के लिए चुनौती है । 'मुजरिम हाजिर' से जिस विशाल ज़गत की सृष्टि उन्होंने की है, उसकी प्रत्येक घटना, प्रत्येक चरित्र ऐसा विश्वास योग्य और हृदयग्राही है कि पाठक इस जगत मैं अनजाने शामिल हो जाता हे-यह जगत उसका ही जगत बन जाता है ।
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