Dalit Jivan Ki Kahaniyan (दलित जीवन की कहानियाँ)

By Giriraj Sharan (गिरिराज शरण)

Dalit Jivan Ki Kahaniyan (दलित जीवन की कहानियाँ)

By Giriraj Sharan (गिरिराज शरण)

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Specifications

Genre

Novels And Short Stories

Print Length

158 pages

Language

Hindi

Publisher

Prabhat Prakashan

Publication date

1 January 2017

ISBN

8173151784, 9789352664092

Weight

325 Gram

Description

विकास के प्रारंभिक चरण में जब अधिक मानव- श्रम की आवश्यकता अनुभव हुई तो आदमी ने आदमी का शोषण करना शुरू कर दिया, और इसके साथ ही आदिम समाज के कृषियुग में दासप्रथा का जन्म हुआ | शोषित और दलित वर्ग की जो समस्याएँ स्वतंत्रता से पूर्व सामाजिक स्तर पर थीं, उसके बाद उन्होंने आर्थिक-राजनीतिक भयावह शक्ल अख्तियार कर ली | इन विषम समस्याओं से अवगत होने और उनका समाधान खोजने के लिए हमने सुधारवादी, प्रगतिशील और क्रांतिकारी होने का ढोंग रचा | किंतु अपनी सुख-सुविधा और उच्च वर्गीय पहचान को कायम रखने के लिए निर्बलों और दलितों का शोषण करने से हम बाज न आ सके, न हमने अपनी इस घिनौनी हवस से कभी गुरेज ही किया | हमारी कुलीनता और रईसाना आदतों का शिकार आजादी से पहले भी दलित वर्ग था और आजादी के प्रायः चालीस वर्ष बाद भी हमारा शिकार यही वर्ग है-नितात निरीह और बेचारा | इस विषम स्थिति से निबटने का अब एकमात्र विकल्प रह गया है वर्ग-संघर्ष | एक दिन शोषक वर्ग इस विकल्प के सामने शोषितों और दलितों के विरुद्ध छेड़ी गई मुहिम पर मुँह की खाकर हथियार डाल देगा | प्रस्तुत संकलन की कहानियों भारतीय मनीषा को झकझोरती हुई उसकी मानसिक ऊहापोह का ऐसा चित्र प्रस्तुत करती हैं जिसमें शोषक वर्ग बेनकाब होकर रह जाता है और दलित-शोषित वर्ग हमसे सहानुभूति की माँग कर बैठता है |


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