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Jaal Samaeta (जाल समेटा)

Price: ₹ 85.00

Condition: New

Isbn: 9788170287988

Publisher: Rajpal and sons

Binding: Paperback

Language: Hindi

Genre: Novels & Short Stories,

Publishing Date / Year: 2009

No of Pages: 72

Weight: 100 Gram

Total Price: 85.00

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बच्चन जैसे भाव-प्रवण कवि समय के साथ अपनी कविताओं को अनेक रंगों में चित्रित करते हैं। 'जाल समेटा' की कविताएं उन्होंने 1960-70 के दशक में लिखी थीं। लोकप्रियता के शिखर पर पहुंच कर जीवन की वास्तविकता के संबंध में उनके मन में अनेक भाव उठे। 'जाल समेटा' में उनकी इन भावनाओं को सजीव करती उत्कृष्ट कविताओं को पढि़ए। बच्चनजी के शब्दों में, 'मेरी कविता मोह से प्रारंभ हुई थी और मोह-भंग पर समाप्त हो गयी।'