Is Des Mein Jo Ganga Bahati Hai (इस देश में जो गंगा बहाती है)

By Hemant (हेमंत)

Is Des Mein Jo Ganga Bahati Hai (इस देश में जो गंगा बहाती है)

By Hemant (हेमंत)

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Specifications

Genre

Novels And Short Stories

Print Length

183 pages

Language

Hindi

Publisher

Prabhat Prakashan

Publication date

1 January 2013

ISBN

9788173157622

Weight

330 Gram

Description

इस देस में जो गंगा बहती है’ पुस्तक की यह चेतावनी नहीं, विनम्र अनुरोध भी है कि भारतीय वैज्ञानिक एवं राजनेता 'Next Generation Technology' के व्यापक प्रभाव का आकलन कर आगे बढ़ें, अन्यथा समय उन्हें उखाड़ फेंकेगा| यह कहना ज्यादा सही होगा कि वे देशहित के लिए अपने हाथ में आए समय को सँवारने से चूक जाएँगे| यह पुस्तक बाढ़ नियंत्रण की ‘कोसी-यात्रा’ को कुरेदकर रख देती है| एकांगी प्रयास, चाहे वे वर्षों तक लाभान्वित करने के नाम पर चलते आ रहे हों, अधूरे और विफल साबित हुए| करोड़ों रुपए खर्च कर नएपन का मुलम्मा चढ़ाकर जिस कोसी-योजना को ‘सुवर्ण’ साबित करने का प्रयास किया गया, उसे कुसहा तांडव ने एक झटके में ‘ताँबा’ में उतार दिया| कोसी त्रिभुज के उत्तरी कोण से लेकर गंगा तक की आधी दूरी के जीवन में सुधार हुआ, तो खगड़िया से पूर्णिया तक फैले आधार तक की जीवन-वृत्ति, जो हर वर्ष नई आई मिट्टी से बिना प्रयास खेती कर लिया करती थी, भयंकर ‘महाचाप’ में फँस गई| यानी क्षेत्रफल की दृष्टि से एक-चौथाई को लाभ तो तीन-चौथाई को हानि| सीधे-सादे शब्दों में यह पुस्तक अत्यंत महत्त्वपूर्ण समसामयिक विषयों का विवेचन करती है, जो अन्यथा अत्यंत दुरूह, शुष्क एवं सपाट लगती| पुस्तक आदि से अंत तक रोचक है, जैसे चाशनी लपेटकर नीम की गोली खिलाई जा रही हो| जो खाने से परहेज करेंगे या खाकर भी नहीं चेतेंगे, उन्हें समय कूट-कूटकर कालकूट खिलाएगा|


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